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कम्प्यूटर का इतिहास (History of Computer)

HISTORY OF COMPUTER

उस विकास के बारे में जानना दिलचस्प होगा जो अंततः वर्तमान कंप्यूटरों के डिजाइन और निर्माण का कारण बना।

यह बहुत सही कहा गया है कि मनुष्य ने अपने पैरों में गति तब जोड़ी जब उसने पहियों का आविष्कार किया और  अपनी  सोच  मे  गति  जोड़ी,  जब उसने कंप्यूटर  का आविष्कार किया । 

कंप्यूटर का विकास बहुत तेज और बहुत सटीक गणना करने वाली मशीनों के लिए मनुष्य की खोज के परिणामस्वरूप हुआ था। गणना उपकरण को मुख्य रूप से मैनुअल, यांत्रिक और स्वचालित में वर्गीकृत किया जा सकता है।

कम्प्यूटर के इतिहास को हम दो भागों मे विभाजित कर ज्यादा बेहतर तरीके से समझ  सकते है । पहला भाग वह समय है जब तक कम्प्यूटर का आविष्कार नहीं हुआ था ।  इसे हम कम्प्यूटर का प्रारंभिक  इतिहास कह सकते है ।  दूसरा वक्त  तब  शुरू हुआ  जब कम्प्यूटर का आविष्कार हो चुका था ।  चलिए पहले कम्प्यूटर के प्रारम्भिक इतिहास को जानते है। 

कम्प्यूटर का  प्रारंभिक इतिहास 

कम्प्यूटर का इतिहास वैसे तो ३ से  4 हजार  साल पुराना है  कंप्युटर का प्रारम्भिक काल  ABACUS नामक यंत्र की खोज से  शुरू होता है । जिसका आविष्कार चीन मे हुआ था । 

अबेकस (ABACUS)

गणना करने के  लिए मनुष्य द्वारा खोज गया पहला उपकरण अबेकस  था । यह लगभग 1100 ईसा पूर्व में विकसित किया गया पहला यांत्रिक उपकरण था। इसमें आम तौर पर एक आयताकार फ्रेम होता है जिसमें मोतियों के साथ पतली समानांतर छड़ें होती हैं। अबेकस सरल जोड़ और घटाव कर सकता था। अभी भी बच्चों को गणना  सिखाने के लिए इसका प्रयोग होता है । 

नैपियरस  बोन (NAPIER'S  BONE )

1617 ई0 मे नैपियर बोन्स  का आविष्कार  हुआ । यह एक  ऐसा  यंत्र था जो  जोड़, घटाव और दशमलव  की संख्या का गुणा  कर सकता था । इस यंत्र का आविष्कार स्कॉटिश गणितज्ञ जॉन नैपियर ने किया था । 

पास्कलाइन  (PASCALINE) OR ADDING MACHINE 

PASCALINE  को अंकगणितीय मशीन या जोड़ने वाली मशीन के रूप में भी जाना जाता है। इसका आविष्कार सन 1642 मे  एक फ्रांसीसी गणितज्ञ-दार्शनिक BLAISE PASCAL  द्वारा किया गया था। ऐसा माना जाता है कि यह पहला यांत्रिक (MECHANICAL) और स्वचालित (AUTOMATIC)  कैलकुलेटर था

स्टेपएड कैलक्यूलेटर  (STEPPED CALCULATOR )

सन 1694 मे जर्मन गणितज्ञ-दार्शनिक GOTTFRIED  WILHELLM  VON  LEIBNITZ ने एक मशीन बनाई  जिसे लेबनीज़ चक्र कहते है जो जोड़, घटाव, गुणा और भाग भी कर सकता था। 

उन्होंने इस मशीन को विकसित करने के लिए पास्कल के आविष्कार में सुधार किया। यह एक पहला  डिजिटल यांत्रिक कैलकुलेटर था । 

JACQUARD'S  लूमीनग  मशीन  (LOOMING MACHINE)

जोसेफ मारिया जैक्वार्ड ने  सन 1801 ई०  में एक स्वचालित बुनाई प्रणाली विकसित की। उन्होंने इसे अपने करघे पर लपेटे गए धागे को निर्देशित करने के लिए छिद्रित छेद वाले कार्ड का उपयोग करके कपड़े में बुनाई के पैटर्न के लिए विकसित किया। यह पंच कार्ड की अवधारणा की शुरुआत थी जिसका उपयोग हाल तक किया जाता था। 

एनालिटिकल  इंजन (ANALYTICAL ENGINE )

सन 1822 ई०  मे CHARLES BABBAGE ने डिफरेंस इंजन नाम की एक मशीन बनाई जो असफल हो गई । इसके बाद  1833 ई० उसने दुबारा एक अन्य मशीन बनाई जिसका नाम एनालिटिकल इंजन रखा।  इसमे इन्होंने एक प्रोसेस यूनिट लगाई जिसके लिए कोडिंग की जरूरत होती थी । 

एनालिटिकल इंजन के पाँच मुख्य भाग थे : 

1- स्टोर (STORE) : 

यह अंकों को प्रोसेसिंग के लिए स्टोर कर के रख सकता था । 

2- मिल  (MILL):

यह इस मशीन की अर्थमेटिक यूनिट थी जो ARTHIMETICAL OPERATIONS कर सकती थी । 

3-कंट्रोल यूनिट (CONTROL UNIT) :

नियंत्रण इकाई ने सुनिश्चित किया कि मशीन मिल और स्टोर के बीच डेटा स्थानांतरित करने के लिए गियर और पहियों की एक श्रृंखला के माध्यम से सही क्रम में वांछित संचालन करे । 

4- इनपुट (INPUT) :   

इसका काम मशीन मे डाटा और निर्देशों को भेज था जिससे मशीन अर्थमेटिक ऑपरेशन कर सके ।

5- आउट्पुट (OUTPUT)  :   

 मशीन द्वारा किए गए कार्यों के परिणामस्वरूप उत्पन्न परिणामों को प्रदर्शित करने के लिए। 

CHARLES BABBAGE एक गणितज्ञ, दार्शनिक, आविष्कारक और मैकेनिकल इंजीनियर थे, जिन्होंने एक स्वचालित प्रणाली की आवश्यकता को देखा जो गणना करने  में मानवीय त्रुटि को नकार दे ।  उनकी यह प्रणाली आज के कम्प्यूटर का आधार है , इसलिए उन्हे कम्प्यूटर का जनक भी कहा जाता है ।  इस मशीन के लिए कोडिंग की आवश्यकता थी जो की ADA AUGSTA द्वारा  पूरी की गई । इस तरह यह विश्व का पहला प्रोग्रामिंग कम्प्यूटर बना और ADA AUGUSTA  विश्व  की  पहली  महिला प्रोग्रैमर बनी ।    

TABULATING MACHINE

इसका आविष्कार 1890 में एक अमेरिकी सांख्यिकीविद्  डॉ हरमन होलेरिथ द्वारा किया गया था। यह पंच कार्ड पर आधारित एक यांत्रिक टैबुलेटर था। यह आंकड़े सारणीबद्ध और रिकॉर्ड या डेटा या जानकारी SORT  कर  सकती थी  इस मशीन का उपयोग 1890 अमेरिकी जनगणना में किया गया था। होलेरिथ ने होलेरिथ की तब्सुलेटिंग मशीन कंपनी भी शुरू की जो बाद में 1924 में इंटरनेशनल बिजनेस मशीन (आईo बीo एमo) बन गई। 

डॉ हरमन होलेरिथ  को  PUNCHCARD  का पिता कहा जाता है । 

 डिफएरेनशियल  ऐनलाइज़र (DIFFERENTIAL ANALYZER)

यह 1930 में संयुक्त राज्य अमेरिका में पेश किया गया पहला इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर था। यह एक एनालॉग डिवाइस था जिसका आविष्कार  VANNEVAR BUSH  ने किया था। इस मशीन में गणना करने के लिए विद्युत संकेतों को स्विच करने के लिए वैक्यूम ट्यूब थी  यह कुछ ही मिनटों में 25 गणना कर सकता था । आज के  ऐनलॉग कम्प्यूटर इसी कान्सेप्ट पर आधारित हैं ।  

हावर्ड मार्क-1 (HARVARD MARK-1)

सन 1944 मे हावर्ड यूनिवर्सिटी और आई0 बी0 एम0 ने मिलकर विश्व का पहला एलेक्टरीक मकैनिकल कम्प्यूटर बनाया, जिसको प्रथम विद्युत यांत्रिक कम्प्यूटर कहा जाता है । 

ENIAC

यह  कम्प्यूटर 1946 मे बनकर तैयार हुआ । यह पूर्णरूप से इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर था । इसमे प्रोग्राम को  स्थायी रूप  से शामिल  किया गया था । इसका आविष्कार PENNYSYLVANIA के  PROF. J. PRESPER ECKERT और JOHN MAUCHLY ने संयुक्त रूप से किया था । ENIAC का मतलब  ELECTRONIC NUMERICAL INTEGRATOR AND AUTOMATIC COMPUTER है । 

UNIVAC - यूनवर्सल ऑटोमैटिक कम्प्यूटर 

यह सन 1953 मे PROF. J. PRESPER ECKERT और JOHN MAUCHLY द्वारा बनाया गया पहला डिजिटल (DIGITAL) कम्प्यूटर था । यह दुनिया की पहली व्यावसायिक डाटा प्रोसेसिंग मशीन थी।


कम्प्यूटर  की पीढ़ियाँ (Generation of Computer)

GENERATION OF COMPUTERS

कंप्युटर की पीढ़ियाँ निम्नलिखित बिंदुओं पर निर्भर हैं। 

कार्यकुशलता 

निर्माण मे इस्तेमाल होने वाले उपकरण 

भाषा 

प्रौद्योगिकी (TECHNOLOGY)

कम्प्यूटर की पहली पीढ़ी  (1940-1952)

  • कंप्युटर आकार मे बहुत बड़े थे । 
  • वैक्यूम ट्यूब  (निर्वात  नालियों) पर आधारित थे ।
  • अधिक बिजली की खपत
  • ज्यादा जगह  ( स्पेस) लेते थे।  (लगभग  30 X 50 )
  • वजन  लगभग - 30 TON था । 
  • बहुत महेंगे थे । 
  • प्रोसेसिंग स्पीड बहुत कम थी । 
  • मेमोरी सीमित थी । 
  • INPUT के रूप मे PUNCHED कार्ड का इस्तेमाल किया गया । 
  • प्राइमेरी मेमोरी के रूप मे मैग्नेटिक ड्रम का इस्तेमाल किया गया । 
  • मशीन/असेंबली भाषा का प्रयोग किया जाता था । 
वैक्यूम ट्यूब का आविष्कार JOHN AMBROSE FLEMING  ने किया । 

इस  पीढ़ी  के कम्प्यूटर : 
 
1- ENIAC - ( ELECTRONIC NUMERICAL INTEGRATOR AND COMPUTER )

2- EDSAC - ( ELECTRONIC DELAY STORAGE AUTOMATIC CALCULATOR )

 यह पहला कम्प्यूटर था जो   JOHN VON NEUMAN की  STORED PROGRAM CONCEPT  पर आधारित था । उन्होंने मेमोरी मे  DATA व INSTRUCTION  को स्टोर करने का  CONCEPT बताया । 

कम्प्यूटर की दूसरी पीढ़ी  (1952-1964)

  • इस समय मे कंप्युटर का आकार थोड़ा कम हुआ था । कम्प्यूटर एक अलमारी  के आकार के  हो गए थे । 
  • वैक्यूम ट्यूब की जगह ट्रैन्ज़िस्टर (TRANSISTOR) ने ले ली थी । 
  • प्रोसेसिंग स्पीड (PROCESSING SPEED ) भी अधिक थी । 
  • मेमोरी (MEMORY) भी ज्यादा थी । मेमोरी के रूप मे मैग्नेटिक कोर (MAGNETIC CORE) का इस्तेमाल किया गया । 
  • पहले से कम स्पेस (SPACE) की जरूरत थी । 
  • पहले के मुकाबले कीमत भी कम थी । 
  • हाई लेवल लैंग्वेज (HLL) का इस्तेमाल शुरू हो चुका था ।
  •  इसी पीढ़ी के अंतर्गत बैच प्रोसेसिंग सिस्टम ( BATCH PROCESSING SYSTEM) का इस्तेमाल  किया गया था । 
इस  पीढ़ी  के कम्प्यूटर :  

1- IBM-1400 SERIES

2-LEO MARK-III 

TRANSISTOR सिलिकॉन नामक अर्द्धचालक का बना  एक इलेक्ट्रॉनिक सर्किट होता है। JOHN BARDEEN, WALTER BRATTAIN और  WILLIAM SHOCKLEY  ने  बेल लैब्स में पहले काम करने वाले ट्रांजिस्टर का आविष्कार किया । 

कम्प्यूटर की तीसरी पीढ़ी  (1964-1972)

  • कंप्युटर के साइज़ मे कमी आई ।  (एक कम्प्यूटर टेबल के बराबर हो गई ) 
  • कम्प्यूट करने की स्पीड बढ़ी । 
  • ट्रंजिस्टर्स की जगह IC का प्रयोग होना शुरू हो गया था । 
  • टाइम शेरिंग और Multi प्रोसेसिंग ऑपरेटिंग सिस्टम का विकास हुआ । 
  • हाई लेवल लैंग्वेज (HLL) का इस्तेमाल । 
  • इनपुट –आउट्पुट डिवाइसेस का बढ़िया इस्तेमाल 
  • मेमोरी स्टॉरिज डिवाइसेस का विकास 
  • DOS का आविष्कार हुआ । 
  • RAM को प्राइमेरी के रूप मे इस्तेमाल 
IC - IC का मतलब जिसमे एक साथ कई  सारे सर्किट होते हैं । यह सिलिकॉन नामक अर्ध  चालक की बनी होती है । IC कई  प्रकार की होती है जैसे - SSI (SMALL SCALE INEGRATED CIRCUIT), MSI (MEDIUM SCALE INEGRATED CIRCUIT), LSI (LARGE SCALE INTEGRATED CIRCUIT), VLSI (VERY LARGE SCALE INTEGRATED CIRCUIT ) & ULSI (ULTRA LARGE SCALE INTEGRATED CIRCUIT)।  इसका आविष्कार 1950 मे  JACK KIBLY और ROBERT NOYCE ने  संयुक्त रूप  से की । 

इस  पीढ़ी  के कम्प्यूटर : 

1-IBM-360

2-DIGITAL PDP-11

कम्प्यूटर की चौथी पीढ़ी  (1972-1981)

  • VLSI (Very Large Scale Technology) का विकास, जिसे आज हम माइक्रोप्रोसेसर कहते हैं। 
  • पर्सनल कंप्युटर का आरंभ 
  • उच्चस्तरीय गणना का विकास 
  • नेटवर्क का आगमन 
  • मेमोरी 16MB
  • लागत मे कमी 
  • नेटवर्क सिस्टम की शुरुआत  
  • अत्यधिक तीव्र  गति  व कम ऊर्जा निकालने वाले कम्प्यूटर 
  • इंटरनेट का विकास 
  • नए ऑपरेटिंग सिस्टम का जनम हुआ । 
  • सुपर कम्प्यूटर का आविष्कार हुआ । 
मिक्रोप्रोफेससोर का आविष्कार सन  1971 मे M.E. HOFF ने किया था । 

 इस  पीढ़ी  के कम्प्यूटर : 

1- ICL 29 SERIES
2- PC, PC-XT, PC-AT

कम्प्यूटर की पाँचवी पीढ़ी  (1982-अभी तक )

  • VLSI और ULSI चिप का इस्तेमाल  (जिसे माइक्रोप्रोसेसर कहते हैं । )
  • तीव्र गति के कम्प्यूटर 
  • MULTIMEDIA SYSTEM का विकास  
  • कृत्रिम बुद्धि का  विकास  ( Robert, Cortana, Siri, Google Assitant etc.)
  • Laptop, PDA,Mobile और  internet का जन्म हुआ । 
  • WEB और ईमेल का आविष्कार हुआ । 
 इस  पीढ़ी  के कम्प्यूटर : 

1- SLIM DESKTOP COMPUTER 
2-LAPTOP 
3-PALM TOP

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कम्प्यूटर का इतिहास

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