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कंप्यूटर माउस की विशेषताएं, प्रकार और कार्य

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विभिन्न प्रकार के माउस  कंप्यूटर माउस एक अनिवार्य इनपुट डिवाइस है जो उपयोगकर्ताओं को कंप्यूटर के ग्राफ़िकल यूज़र इंटरफ़ेस (GUI) के साथ इंटरैक्ट करने की सुविधा देता है। बुनियादी नेविगेशन से लेकर जटिल डिज़ाइन कार्यों तक, माउस सटीक नियंत्रण और कुशल इंटरेक्शन को सक्षम बनाता है। यह लेख कंप्यूटर माउस की प्रमुख विशेषताओं, विभिन्न प्रकारों और आवश्यक कार्यों पर विस्तार से चर्चा करता है। कंप्यूटर माउस की मुख्य विशेषताएं बटन (BUTTON) कंप्यूटर माउस में कई प्रमुख विशेषताएँ होती हैं जो इसकी कार्यक्षमता और उपयोगिता को निर्धारित करती हैं। बटन चयन, खोलने और कमांड निष्पादित करने जैसी क्रियाओं के लिए आवश्यक होते हैं। आमतौर पर बाईं ओर एक प्राथमिक बटन, दाईं ओर एक द्वितीयक बटन, और अक्सर स्क्रॉल व्हील में एकीकृत एक मध्य बटन मानक होते हैं। ट्रैकिंग (TRACKING) ट्रैकिंग तकनीक माउस को किसी सतह पर होने वाली हलचल का पता लगाने में सक्षम बनाती है। ऑप्टिकल सेंसर हलचल का पता लगाने के लिए एक एलईडी और एक फोटोडायोड का उपयोग करते हैं, जबकि लेज़र सेंसर अधिक सटीकता प्रदान करते हैं और सतहों की एक विस्तृत श्रृंखला पर काम ...

ऑफिस मे पेपर/ कागज का सही उपयोग

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कार्यालय मे पेपर की बर्बादी अक्सर प्रिंटर के बारे मे हमारी सीमित जानकारी व सही  जानकारी का अभाव होती है। कितनी बार हम बिना सोचे-समझे प्रिन्ट दे देते है और इस प्रकार पेपर, इंक और समय की बर्बादी हो जाती है । किसी भी प्रकार के डाक्यमेन्ट को प्रिन्ट करने से पहले कुछ सामान्य बातों का ध्यान रख कर हम कागज की बर्बादी को रोक सकते है।       कैसे जाने की प्रिंटर मुद्रित (Printed)  कागज के किस तरफ प्रिंट करेगा ? लेटर हेड या पहले से मुद्रित (Printed) कागज पर छपाई करते समय कागज के दिशा-निर्देश को भूल जाना हम सभी की एक आम बात है। इस तरह कागज बचाने की जगह हम और ज्यादा वेस्ट (waste) पैदा करते हैं। इसके अलावा, कई बार हम अनुमान लगाकर दस्तावेज़ प्रिंट करते है, तो कभी-कभी हमारा प्रिन्ट सही निकल जाता है परंतु अकसर हम इस तरह कई बार कागज, स्याही, समय और ऊर्जा बर्बाद कर देते हैं। कागज के सही उपयोग के लिए हमेशा प्रिंटर ट्रे पर इंगित  प्रिंटिंग आइकन की जांच करें।  मुद्रित कागज़ को प्रिंटर पर कैसे रखें? पेपर ट्रे के ऊपर उभरा हुआ चिह्न हमें कागज की दिशा के बारे में स्पष्...

भारत मे कंप्युटर के विकास पर आधारित 75 प्रश्न-उत्तर का संग्रह

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मेरा यह लेख एक प्रश्न -उत्तर संग्रह है, जो आप को भारत मे कंप्युटर के प्रारंभ से लेकर अब तक हुई बहुत सी घटनाओं की जानकारी देगा । जबकि आप भारत मे कंप्युटर युग के प्रारंभ और विकास पर मेरा लेख पढ़ सकते हैं ।  प्र०-1 भारत का पहला कंप्यूटर कौनसा था ? उ०- भारत का प्रथम कंप्यूटर HEC-2M था। जिसे भारत ने सन 1956 को ₹ 1000000 में ख़रीदा था । इसे कलकत्ता के भारतीय सांख्यिकी संस्थान में स्थापित किया गया था। यह एक नंबर क्रंचिंग मशीन से ज्यादा कुछ नहीं था और आकार में बहुत बड़ा था। इसकी लंबाई 10 फीट, चौड़ाई 7 फीट और ऊंचाई 6 फीट थी। प्र०-2 HEC-2M का फुल फार्म क्या है ?  उ०- HEC-2M का फुल फार्म Hollerith Electronic Computer Model 2M है ।  प्र०-3   HEC-2M का निर्माण किसने किया और कहाँ किया था ?  उ०- HEC-2M का निर्माण A.D BOOTH ने सन 1954 मे Birbek College London मे किया था ।  प्र०-4  भारत ने सन 1958 मे रूस से कौन-सा कंप्युटर खरीदा था ? उ०-भारत ने सन 1958 मे रूस से Ural-1 नाम का कंप्युटर खरीदा था।  प्र०-5 -ISI का फुल फॉर्म क्या है ? उ०- ISI का फुल फॉर्म Indian St...

भारत मे कंप्युटर युग का प्रारंभ और विकास

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दुनिया  को पहला कंप्यूटर 1940 में मिला, परन्तु भारत में कंप्यूटर युग की शुरुआत सन 1952 में हुयी। भारत मे कंप्युटर युग की शुरुआत करने का श्रेय दो व्यक्तियों को जाता है –जिनमे से पहला नाम डॉक्टर होमी भाभा और दूसरा नाम प्रोफेसर पी0 सी0 महालनोबिस का है। दोनों ही ने अपने अथक प्रयासों से भारत को दुनिया के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लायक बनाया। एक ने भारत को पहला देश मे निर्मित ऐनलॉग कंप्युटर दिया तो दूसरे ने पूर्ण रूप से भारत मे निर्मित मैन्फ्रैम कंप्युटर का निर्माण कर सबको चौका दिया। ऐनलॉग (Analog) कंप्युटर की स्थापना प्रोफेसर पी0 सी0 महालनोबिस के नेत्रत्व मे   समेन्द्र कुमार मित्रा और सौमयेन्द्र मोहन बोस के अथक प्रयासों के फलस्वरूप भारत को अपना पहला स्वदेशी ऐनलॉग कंप्युटर सन 1953 मे प्राप्त हुआ, जिसे इंडियन स्टटिस्टिकल इंस्टिट्यूट (ISI) मे स्थापित किया गया था । भारत मे प्रथम कंप्युटर का आगमन भारत का प्रथम कंप्यूटर HEC-2M था। जिसे भारत ने सन 1956 को ₹ 10,00000/- में ख़रीदा था । इसे कलकत्ता के भारतीय सांख्यिकी संस्थान (ISI) Indian Statistical Institute  में स्थापित किया गया था। य...